- क्या सभी कैदी को जेल में कपडे और नंबर दिया जाता है ?
- जेल में खाना कब और कितनी बार दिया जाता है ?
- क्या बाहर से जेल के अंदर खाना ले जा सकते है ?
- जेल में कैदी से कैसे मुलाकात की जाती है ?
- क्या जेल में कैदी पढ़ाई कर सकते है ?
- जेल में काम करने से कैदी को क्या क्या होते है फायदे ?
- क्या जेल में 12 घंटे का एक दिन होता है ?
- क्या उम्र कैद 14 वर्ष की होती है ??
- फांसी की सजा से पहले जज पेन तोड़ देता है ?
- फांसी की सजा से पहले आखिरी ख्वाहिश क्यों पूछी जाती है ??
नमस्कार दोस्तों, जेल राज्य सरकार के अधीन काम करता है और जेल के अंदर की पुलिस हमारी नार्मल पुलिस से काफी अलग होती है | जेल के अंदर जो पुलिस होती है वो काफी कम होती है क्योकि अंदर का सारा काम कैदी ही करते है |
क्या सभी कैदी को जेल में कपडे और नंबर दिया जाता है
जब कोई कैदी किसी अपराध में शुरू में जेल के अंदर जाते है तो उन्हें नंबर नहीं दिया जाता है लेकिन जब कैदी की सजा मुकरर कर देती जाती है और कैदी को काफी दिनों की सजा सुनाई जाती है तो उन्हें नंबर दिया जाता है लेकिन जब कोई कैदी 7 से 15 दिनों की लिए जाता है तो उसे कोई नंबर नहीं दिया जाता है और जो कपडे आपने पहने है उसी में आपको जेल के अंदर डाल दिया जाता है | लेकिन जब कैदी का ट्रायल लम्बा चलने वाला होता है तो कैदी को एक नंबर दिया जाता है और ये भी बताया जाता है की किस सेक्शन में आपको रखा जायेगा | जेल के अंदर भी अलग अलग सेक्शन होते है जैसे की खतरनाक लोगो को अलग सेक्शन में और जो कैदी नार्मल आया है उसे अलग सेक्शन में रखा जाता है क्योकि जेलर को पता होता है की ये कैदी 5 - 7 दिनों में चला जायेगा तो उसे दूसरे सेक्शन में रखा जाता है |
जेल में खाना कब और कितनी बार दिया जाता है ?
जेल में नाश्ता, खाना, डिनर के लिए अलग अलग राज्यों में अलग अलग खर्च लिया जाता है | भारत के हर राज्य में हर कैदी के ऊपर रोजाना 52 रूपए का खर्च (नाश्ता, खाना, डिनर) किया जाता है | जेल में सुबह ७ बजे नाश्ता आ जाता है जिसमे आपको चाय के चना, पाव, बिस्कुट, दलिया आदि दिया जाता है | दोपहर का लंच 11:00 बजे से 12 :00 बजे के बीच दिया जाता है जिसमे आपको 4 रोटी, सब्जी दाल चावल दिया जाता है | रात का खाना शाम 5 बजे बनकर तैयार हो जाता है जिसे कैदी कभी भी ९ बजे से पहले खा सकता है रात का खाना बनने के बाद दोबारा गरम नहीं किया जाता है | जिसमे आपको ६ रोटी दाल और सब्जी दिया जाता है | जेल के नार्मल सब्जी (कम तेल, नमक, मसाला) दी जाती है जिससे की कैदी खाकर बीमार न पड़े |
क्या बाहर से जेल के अंदर खाना ले जा सकते है ?
जेल के अंदर अपना खुद का कैंटीन भी होता है जहा से कैदी अपनी जरुरत की चीज़ो को खरीद सकते है किसी कैदी का पेट नहीं भर रहा है तो वह कैदी एक्स्ट्रा खाना खरीद सकता है जिसके लिए कैदी को जेलर से लिखवाना पड़ता है जेल में पैसा रखना मना होता है जेल में आप पैसो से कूपन खरीद कर अपने पास रख सकता है जिसका उपयोग करके आप सामान खरीद सकते है | एक कैदी को केवल 2000 रूपए के कूपन रखने की ही अनुमति होती है | इस कूपन पर एक विशेष कोड डाल दिया जाता है जिससे उस कूपन का उपयोग केवल आप ही कर सकते है |
जेल में कैदी से कैसे मुलाकात की जाती है
जेल में आप अपने परिचित कैदी से मुलाकात कर सकते है जिसके लिए आपको कैदी का नाम, कैदी के पिता का नाम और जेल नंबर पता होना चाहिए | मुलाकात के लिए आप ऑनलाइन फॉर्म भी भर सकते है नहीं तो आप वही जेल में ऑफलाइन 15 रूपए की पर्ची कटवाकर कैदी से मुलाकात कर सकते है | जेल में मिलने का समय 10:०० बजे से ३:०० बजे तक होता है | सामान्य कैदी को हफ्ते में ३ बार मिलने दिया जाता है लेकिन बड़े अपराधी को 1 बार या इससे अधिक अनुमति भी नहीं मिलती किसी से मुलाकात करने पर|
क्या जेल में कैदी पढ़ाई कर सकते है ?
जेल के अंदर लाइब्रेरी भी होती है जहा कैदी पढ़ाई भी कर सकते है और IGNOU से आपको सर्टिफिकेट भी मिलता है |
जेल में काम करने से कैदी को क्या क्या होते है फायदे ?
जेल के अंदर का सारा काम कैदी ही करते है जिसके लिए कैदी को दिन का 20 रूपए मिलता है | जेल में अलग अलग काम होते है जैसी खाना बनाना, पेड़ पौधे लगाना, सब्जी उगाना, सिलाई करना और अन्य।
अगर को कैदी काम नहीं करना चाहता है तो उसे उसके बदले एक बार पैसा देना होता है जिसे हाता कहते है। जब कोई कैदी अंदर जाता है तो जेलर पूछता है काम करोगे या नही | जो कैदी अंदर काम करते है उन्हें २० रूपए रोजाना वेतन के अलावा थोड़ी अच्छी क़्वालिटी का मनचाहा खाना मिलता है |
क्या जेल में 12 घंटे का एक दिन होता है ?
कई लोगो को लगता है जेल में 1 दिन 12 घंटे का होता है लेकिन ऐसा नहीं है अभी के कानून के अनुसार १ दिन 24 घंटे का ही होता है | अगर किसी कैदी को 10 साल की सजा हुई है तो वह 10 साल बाद ही जेल से रिहा होगा |
क्या उम्र कैद 14 वर्ष की होती है ??
कई लोगो ये भी लगता है की उम्र कैद 14 साल की होती है। जी नहीं, उम्र कैद का मतलब होता है आजीवन कारावास | जब कोई जज किसी कैदी को उम्र कैद की सजा सुनाता है तो सविंधान में लिखा गया है अनुछेद ७२ के तेहत राष्ट्रपति किसी कैदी की सजा को माफ़ कर सकते है तथा अनुछेद १६१ के तेहत राज्यपाल किसी कैदी की सजा को माफ़ कर सकते है | इसका मतलब राष्ट्रपति और राज्यपाल किसी कैदी की उम्र कैद की सजा को कम से कम 14 वर्ष पूर्ण होने के बाद ही माफ़ कर सकते है |
फांसी की सजा से पहले जज पेन तोड़ देता है ?
जज हमेशा फांसी की सजा सुनाने के बाद कमल को तोड़ देता है जो इस बात का संकेत होता है की हमने जो फांसी की सजा सुनाई है वो हम खुद जज होने के बाद भी अब इस फांसी के फैसले को नहीं बदल सकते | इसलिए जज काफी सोच समझकर फांसी की सजा सुनाते है जब कभी किसी कैदी को फांसी सुनाई जाती है तो जज उसमे लिखते है To Hang Till Death मतलब कैदी को फांसी पर लटकाये रखो जब तक उसकी साँसे न रुक जाये | इसलिए फांसी की सजा देते समय वहा एक डॉक्टर, मेजिस्ट्रेट और जेल सुपरिडेंट मौजूद रहते है | किसी भी कैदी को फांसी अधिकतर मॉर्निंग में ही दी जाती है क्योकि यह जेल प्रशासन की सबसे बड़ी जिमेदारी जिसे वह सुबह सुबह निपटा देना चहिते है |
फांसी की सजा से पहले आखिरी ख्वाहिश क्यों पूछी जाती है ??
फांसी घर में जब कैदी को लाया जाता है तो जल्द कैदी का चेहरा नहीं देख पता क्योकि कैदी का चेहरा काले कपडे से ढका होता है | चेहरे को कपडे से ढकने का एक और कारण यह कि जब फांसी लगाई जाती है तो कैदी के आँखे बाहर निकल सकती है | फांसी के पहले कैदी से आखिरी ख़्वाइश पूछी जाती है जिसमे वह मन चाहा खाना, घरवालों से मिलना, कोई ग्रंथ पढ़ने को कह सकता है इससे ज्यादा उसकी कोई ख़्वाइश पूरी नहीं की जाती | फांसी देने से पहले जलाद कैदी से कानो में कहता है की मुझे माफ़ करना ये मेरा काम है |